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  • उसाना पु क्रि॰ स॰ [हिं॰] दे॰ 'ओसाना' ।...
    ३५१ B (७ शब्द) - १४:४७, २४ मई २०१६
  • मलियामेट संज्ञा पुं॰ [हिं॰ मलिया + मिटाना] सत्तानाश । तहस नहस । जैसे,—उसने सारा घर मलियामेट कर दिया ।...
    ५१८ B (१६ शब्द) - १२:१७, २५ मई २०१६
  • हरचंद अव्य॰ [फा॰] १. कितना ही । बहुत या बहुत बार । जैसे,— मैने हरचंद मना किया, पर उसने न माना । २. यद्यपि । अगरचे ।...
    ५५६ B (२२ शब्द) - २३:१६, २६ मई २०१६
  • औखध संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ औषध] दे॰ 'औषधि' । उ॰—इसके पीछे उसने अपनी झोली में कोई औखध निकाली ।—ठेठ॰, पृ॰ ३८ ।...
    ५२४ B (२० शब्द) - १५:०६, २४ मई २०१६
  • हरचंद अव्य॰ [फा॰] १. कितना ही । बहुत या बहुत बार । जैसे,— मैने हरचंद मना किया, पर उसने न माना । २. यद्यपि । अगरचे ।...
    ५५६ B (२२ शब्द) - २३:१६, २६ मई २०१६
  • उचाटना क्रि॰ स॰ [सं॰ उच्चाटन] उच्चाटन करना । हटाना । ध्यान तोड़ना । विरक्त करना । जैसे—उसने हमारा चित्त उचाट दिया ।...
    ५५८ B (१८ शब्द) - १४:१२, २४ मई २०१६
  • भरपूर बल लगाने के लिये दाँत पर दाँत रखकर दबाना । जैसे—उसने किचकिचाकर पत्थर उभाड़ा तब उभड़ा । ३. दाँत पर दाँत रखकर दबाना । जैसे—उसने किचकिचाकर काट लिया ।...
    ९७८ B (५० शब्द) - १६:१६, २४ मई २०१६
  • तोरणस्फटिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] दुर्योधन की उस सभा का नाम जो उसने पांडवों की मय दानववाली सभा देखकर ईर्ष्यावश बनवाई थी ।...
    ५७३ B (२१ शब्द) - ०१:३७, २५ मई २०१६
  • हतकइज्जती संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ हतक + इज्जत] अप्रतिष्ठा । मान- हानि । बेइज्जती । जैसे,—उसने उस अखबार पर हतक- इज्जती का दावा किया है ।...
    ५८९ B (२१ शब्द) - २३:११, २६ मई २०१६
  • धर्मार्थ क्रि॰ वि॰ [सं॰] धर्म के निमित्त । केवल धर्म या पुण्य के उद्देश्य से । परोपकार के लिये । जैसे,— उसने १०० धर्मार्थ दिए हैं ।...
    ५९४ B (२३ शब्द) - ०३:११, २५ मई २०१६
  • अनवधानता संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] ध्यानहीनता । लापरवाही । असावधानी । गफलत । उ॰—उसने अनवधानता से उस प्रश्न को टाल दिया ।—कंकाल, पृ॰ १४३ ।...
    ५८३ B (२० शब्द) - २२:२०, २१ मई २०१७
  • भूतकाल में इससे पहले न हुआ हो। उसने चार चोरों को पकड़ कर अभूतपूर्व साहस का कार्य किया है। भूतपूर्व अभूतपूर्व वि॰ [सं॰] १. जो पहले न हुआ हो । २. अपूर्व...
    ८०४ B (३३ शब्द) - २२:२६, २१ मई २०१७
  • व्हिस्की संज्ञा स्त्री॰ [अं॰] एक अंग्रेजी शराब । उ॰— इसके बाद उसने मुझसे पूछा—'कहा' क्या पिओगे ? शेरा, शोपेन, व्हिस्की, ब्राँड़ी या ओर कोइ दूसरी' ।—सन्यासी...
    ६८१ B (२७ शब्द) - १०:४८, २६ मई २०१६
  • तेनु सर्व॰ [सं॰ तत्] उसने । उ॰—धरमाँन नाम कायथ सुघर, तेनु चरित लिष्षे सबैं ।—पृ॰ रा॰, १९ ।२३ ।...
    ४९७ B (१८ शब��द) - ०१:३३, २५ मई २०१६
  • विषयवर्णन के पहले आता है । जैसे,—(क) उसने कहा कि मैं नहीं जाऊँगा । (ख) राम ने देखा कि आगे एक साँप पड़ा है । (ग) जब उसने सुना कि उसका भाई मर गया, तब वह भी...
    १ KB (१०१ शब्द) - १४:५४, ७ अक्टूबर २०२२
  • [वि॰ स्त्री॰ बहुतेरी] बहुत सा । अधिक । बहुतेरा ^२ क्रि॰ वि॰ बहुत । बहुत प्रकार से । बहुत परिमाण में । जैसे,—मैंने बहुतेरा समझाया, पर उसने एक न मानी ।...
    ७३८ B (३३ शब्द) - २२:४५, २५ अक्टूबर २०१९
  • अस्थानीय वि॰ [सं॰] प्रसंग से भिन्न । अनुपयक्त । उ॰—उसने अपना बहुत सुधार किया है जिसका आख्यान यहाँ अस्थानीय है' । —प्रेमघन, भा॰ २, पृ॰ २६० ।...
    ६१४ B (२४ शब्द) - १३:१८, २४ मई २०१६
  • हुलारा † संज्ञा पुं॰ [अनुध्व॰] जोर लगाकर ऊपर उठाने का प्रयास । उ॰—दूसरा भरा घड़ा उठा, हुलारा दे उसने सिर पर रख लिया ।—भस्मावृत॰, पृ॰ १२७ ।...
    ६१३ B (२५ शब्द) - २३:४२, २६ मई २०१६
  • हलब्बी ^१ वि॰ [अ॰ हलबी] दे॰ 'हलबी' । जैसे—हलब्बी शीशा । हलब्बी ‡ ^२ वि॰ [?] पर्याप्त । काफी । बहुत । जैसे,—उसने घूस में हलब्बी रकम पिलाई है ।...
    ६०५ B (२४ शब्द) - २३:२२, २६ मई २०१६
  • स्त्री॰ [सं॰] प्रजापति की एक कन्या । विशेष—यह देवसेना की बहन थी और केशी दानव को बहुत चाहती थी । केशी इसे हर ले गया था और उसने इसके साथ विवाह किया था ।...
    ६८६ B (३४ शब्द) - ०२:५०, २५ मई २०१६
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